इस संसार मे आपके साथ या किसी अन्य के साथ यहां आए दिन अजीबोगरीब घटनाएं होती रहती हैं। कभी किसी का सम्मान होता है तो कभी किसी का अपमान। कभी हमें ख़ुशी मिलती है तो कभी दुःख मिलता है। कभी फायदा होता है तो कभी नुकसान। यहां कभी न्याय मिलता है तो कभी अन्याय। आप और हम सभी इसी संसार में रहते हैं।तो स्वाभाविक है कि आपके और हमारे साथ भी इस प्रकार की घटनाएं कभी न कभी तो होंगी ही। और होती भी रहती हैं। यही तो संसारिक का खेल तमाशा है। जो हर किसी के साथ होता रहता है।
जब आपको संसार में सम्मान मिलता है, तब आप प्रसन्न हो जाते हैं। परन् जब कभी आपका अपमान होता है, तो आपके मन में चिंता आ जाती है। जिससे दुख होता है, कष्ट होता है। इसी वजह से दुख देने वाले व्यक्तियों से घृणा होती है। उनके प्रति द्वेष और क्रोध की भावना तीव्र हो जाती है। यह स्थिति अच्छी तो नहीं है, परन् हो जाती है। ऐसी दुखदायक स्थिति से बचने का कोई तो उपाय आपको करना चाहिए। क्योंकि यह संसार तो बदलेगा नहीं, सुधरेगा नहीं। आपको ही कुछ करना होगा। जिससे कि इस अन्यायपूर्ण संसार में रहते हुए भी आप इन घटनाओं से प्रभावित न हो। और आपके अपने मन की प्रसन्नता कभी भी ना खोवें।
उदाहरण के लिए, सड़क पर बहुत सारे कंकड़-पत्थर हैं। उस सड़क पर आपको 5 किलोमीटर पैदल चलना होगा। साइकिल, स्कूटर, कार आदि नहीं हैं तो 5 किलोमीटर तक सड़क पर आपके लिए कोई कालीन नहीं बिछाएगा। इसका समाधान आपको खुद ही ढूंढना होगा कि आप 5 किलोमीटर भी चलें तो आपके पैरों में कंकड़ भी न चुभें। थोड़ा सोचने के बाद आप इसका समाधान ढूंढ ले। वे अपने पैरों में मजबूत तलवों वाले जूते पहनते हैं और बजरी भरी सड़क पर बेफिक्र होकर चलते हैं। कभी-कभी दौड़ भी लगाते हैं।
इसी प्रकार, यदि आप चाहते हैं कि सभी लोग आपके साथ उचित व्यवहार करें तो यह संभव नहीं लगता। लोग अपनी मूर्खता और स्वार्थ के कारण समय-समय पर आपके साथ दुर्व्यवहार करेंगे। ऐसी स्थिति में उनके दुर्व्यवहारों से होने वाले दुख से बचने के लिए आपको ही कुछ उपाय करना होगा, कि लोग चाहे आपका सम्मान करे। चाहे अपमान करें, चाहे अच्छी बात बोलें, चाहे खराब। आपको ही अपने आप को समझाना होगा। अपने मन को शांत रखना होगा।
इसके लिए बुद्धिमानों एवं विद्वानों ने बिल्कुल ही सरल से तीन शब्द हिंदी भाषा के बताए हैं। वे तीनो शब्द "कोई बात नहीं।" है। ये शब्द यदि आप अपने मन ही मन मे बोल ले, तो आपका मन शांत हो जाएगा।
जब आपके साथ कोई बड़ा अन्याय होता है और आप उसे रोकने में असमर्थ होते हैं। अगर दुनिया में कोई भी आपको न्याय नहीं दे पा रहा है तो भी अपने मन को शांत रखने के लिए मन में ये तीन शब्द कहें, ''भगवान न्याय करेगा।'' ऐसा कहने से कुछ ही समय में आपके मन की स्थिति पहले जैसी अच्छी हो जाएगी और सारा दुःख और अशांति दूर हो जाएगी।
यदि आपने इसके विपरीत तीन शब्द बोल दिए, तो आपकी स्थिति बहुत अधिक बिगड़ जाएगी। मन में क्रोध द्वेष घृणा आदि बहुत अधिक बढ़ जाएंगे। वे तीन शब्द इस प्रकार से है, ऐसा क्यों किया ? ऐसा क्यो हुआ ? ऐसा क्यों बोला ? इसलिए अपने मन को शांत रखने के लिए इन खराब शब्दों का प्रयोग कभी न करे। और जो पहले वाले तीन अच्छे शब्द बताए थे। "कोई बात नहीं।" ईश्वर न्याय करेगा। उन्ही का प्रयोग करे। ऐसा करके अपने काम में व्यस्त रहें, मस्त रहें, और सदा प्रसन्न रहें। ऐसा करने से आपका जीवन सुखमय व्यतित होगा ओर मन शांत रहेगा।