आज का हमारा सुविचार जीवन मे आने वाली समस्याओं से छुटकार कैसे पाएं पर केन्द्रित है। बहुत से लोग जीवन में आने वाली समस्याओं को ऐसा मान लेते हैं, कि बस। अब जो ये समस्या आई है, यह तो हमेशा बनी ही रहेगी, यह कभी हटेगी ही नहीं। संसार में इसका कोई समाधान है ही नहीं। ऐसा विचार करना ग़लत है। अक्सर इसी ग़लत विचार से अधिकांश लोग तनाव रूपी तालाब में डूब जाते हैं। यदि वह समस्या संयोगवश कुछ लंबी चल ही जाए, तो बहुत से लोग तो डिप्रेशन में भी चले जाते हैं। और डिप्रेशन में जाने के बाद तो और नई नई समस्याएं उत्पन्न होती रहती हैं।
यह सब विचारों का खेल है। यह समस्या अब कभी हटेगी ही नहीं। यदि आपने ऐसा गलत विचार कर लिया, तो इसके दुष्परिणामस्वरूप आप अनेक मानसिक एवं शारीरिक रोगों से घिर जाएंगे। अतः ऐसा गलत विचार न करें।
जीवन में जो भी समस्या आए, उसके विषय में ऐसा न सोचें, कि अब वह कभी हटेगी ही नहीं। यदि ईमानदारी से समस्या का समाधान ढूंढा जाए। बुद्धिमत्ता से पुरुषार्थ किया जाए। समाज के बुद्धिमान लोगों तथा ईश्वर की सहायता भी ली जाये तो ऐसी कौनसी समस्या है, जो हल नहीं हो सकती? इसलिए समस्याओं को तो दूर करना ही चाहिए और पूर्ण पुरुषार्थ से वे दूर भी हो जाती हैं।
परंतु साथ-साथ एक अन्य विषय सोचने का यह भी है कि हमारा जीवन भी क्षणभंगुर है। कभी भी समाप्त हो सकता है। उसके लंबा चलने की भी कोई गारंटी नहीं है। जब जीवन ही क्षणभंगुर है, जीवन का ही भरोसा नहीं तो समस्या कब तक रहेगी अब आप ही बताई कि समस्याएं हमेशा कैसे रह सकती हैं?
कल सुबह का सूर्य हम देखेंगे या नहीं इस बात का ही किसी को पता नहीं है। जब जीवन ही अस्थाई है। तो समस्याऐं भी स्थाई नहीं है। यदि किसी प्रकार से या किसी दुर्घटना इत्यादि से जीवन ही समाप्त हो जाऐ तो समस्या कहां रहेगी? वह भी तो उसके साथ साथ चली जाएगी।
इस बात से हम यह नहीं कहना चाहते कि समस्या को हटाने के लिए जीवन को ही हटा दें। हम तो यह कहना चाहते हैं कि चिंता न करें। जैसे जीवन का कोई भरोसा नहीं है फिर भी हम उसकी चिंता नहीं करते और अपना काम करते रहते हैं। ऐसे ही समस्याओं के विषय में भी सोचें कि वे भी कल रहेंगी या नहीं रहेंगी, इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है। हो सकता है कल ही किसी व्यक्ति का विशेष सहयोग मिल जाए और वह समस्या शीघ्र ही हल हो जाए।
इसलिए हम यह कहना चाहते हैं कि जैसे जीवन की चिंता नहीं करते और निश्चिंत होकर अपना कार्य करते रहते हैं। ऐसे ही समस्याओं की भी चिंता न करें, और निश्चिंत होकर समस्याओं को सुलझाने के लिए बुद्धिमत्ता और पुरुषार्थ पूर्वक उन समस्याओं का समाधान ढूंढते रहें। धीरे-धीरे आपकी समस्याएं हल होती जाएंगी, और आपका जीवन सुखमय बन जाएगा।
इससे आगे भविष्य में जो होने वाला है, उसके बारे में इस धरती पर किसी भी प्राणी को पता नहीं है। फिर आप भी क्यों चिंता ले बैठे हो ? इसलिए सदैव मस्त रहो खुश रहो।
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