आईए आज हम आपको स्वस्थ्य और खुशहाल जीवन रखने के घरेलु आयुर्वेदिक नुस्खे के बारे मे बताएगे। सर्वप्रथम हमें अपने खान-पान पर आवश्यक ध्यान रखने की जरूरत है। उसके पश्चात हमे ये भी मालूम होना चाहिए। कब क्या खाएं क्या ना खाएं। इसके अलावा हम अपने जीवन को स्वास्थ्य एंव खुशहाल रखने के लिए हमारे पुर्वजों के बताए गए ये जीवनोपयोगी नुस्खे,आयुर्वेदिक व प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाकर अपने स्वस्थ्य को तरो ताज़ा रख सकते है। हमारे जीवन मे आयुर्वेदिक एंव प्राकृतिक उपचार का काफी महत्व है। जिसको हम सदियों से उपयोग करते आ रहे हैं। इन आयुर्वेदिक नुस्खों को अपने जीवन मे अपनाकर अपने स्वास्थ्य मे आश्चर्यजनक सुधार पा सकते है एंव अपने तन को हमेशा के लिए तदुरूत निरोग रख सकते है। आइऐ ईपोथी पर जाने- ये जीवनोउपयोगी आयुर्वेद एंव प्राकृति चिकित्सा के नुस्खे।
हमेशा याद रखने योग्य बातें :-
दूध ना पचे, तो सोंफ खाइए।
दही ना पचे, तो सोंठ खाइए।
छाछ ना पचे तो जीरा,काली मिर्च खाइए।
अरबी, मूली ना पचे, तो अजवायन खाइए।
कड़ी ना पचे तो, कड़ी पत्ता खाइए।
तैल घी ना पचे तो, कलौंजी खाइए।
पनीर ना पचे तो, भुना जीरा खाइए।
भोजन ना पचे तो, गर्म जल पिएं।
केला ना पचे तो, इलायची खाइए।
खरबूजा ना पचे तो, मिश्री का उपयोग करे।
ईपोथी पर पढिऐ- स्वस्थ्य जीवन जीने के उपाय।
➤योग-भोग एवं रोग ये तीन अवस्थाएं है।
➤लकवा सोडियम की कमी के कारण होता है ।
➤लो बी पी सेंधा नमक डालकर पानी पीयें।
➤कूबड़ निकलना फास्फोरस की कमी।
➤दमा अस्थमा सल्फर की कमी।
➤सिजेरियन आपरेशन आयरन कैल्शियम की कमी।
➤सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें।
➤अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें।
➤जम्भाई शरीर में आक्सीजन की कमी।
➤जुकाम जो प्रातः काल जूस पीते हैं वो उस में काला नमक व अदरक डालकर पियें।
➤ताम्बे का पानी प्रातः खड़े होकर नंगे पाँव पानी ना पियें।
➤किडनी भूलकर भी खड़े होकर गिलास का पानी ना पिये।
➤गिलास एक रेखीय होता है। जिसका सर्फेसटेन्स अधिक होता है। लोटे का कम सर्फेसटेन्स होता है। इसलिए हमेशा पानी लोटे से ही पिये।
➤अस्थमा मधुमेह एवं कैंसर से गहरे रंग की वनस्पतियाँ बचाती हैं ।
➤परम्परायें वहीँ विकसित होगीं जहाँ जलवायु के अनुसार व्यवस्थायें विकसित होगीं।
➤RO का पानी कभी ना पियें यह गुणवत्ता को स्थिर नहीं रखता। कुएँ का पानी पियें। बारिस का पानी सबसे अच्छा होता है। पानी की सफाई के लिए सहिजन की फली सबसे बेहतर है।
➤सोकर उठते समय हमेशा दायीं करवट से उठें या जिधर का स्वर चल रहा हो उधर करवट लेकर उठें।
➤पेट के बल सोने से हर्निया प्रोस्टेट एपेंडिक्स की समस्या आती है।
➤भोजन के लिए पूर्व दिशा पढाई के लिए उत्तर दिशा बेहतर है।
➤HDL बढ़ने से मोटापा कम होगा LDL व VLDL कम होगा।
➤गैस की समस्या होने पर भोजन में अजवाइन का उपयोग करे।
➤शुक्रोज हजम नहीं होता है फ्रेक्टोज हजम होता है और भगवान की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज है।
➤वात के असर में नींद कम आती है।
➤कफ के प्रभाव में व्यक्ति प्रेम अधिक करता है।
➤कफ के असर में पढाई कम होती है।
➤पित्त के असर में पढाई अधिक होती है।
➤आँखों के रोग कैट्रेक्टस मोतियाविन्द ग्लूकोमा आँखों का लाल होना आदि ज्यादातर रोग कफ के कारण होता है।
➤शाम को वात नाशक चीजें खानी चाहिए।
➤ प्रातः 4 बजे जाग जाना चाहिए।
➤सोते समय रक्त दवाव सामान्य या सामान्य से कम होता है।
➤भारत की जलवायु वात प्रकृति की है। दौड़ की बजाय सूर्य नमस्कार करना चाहिए।
➤भारी वस्तुयें शरीर का रक्तदाब बढाती है। क्योंकि उनका गुरुत्व अधिक होता है।
➤दुनियां के महान वैज्ञानिक का स्कूली शिक्षा का सफ़र अच्छा नहीं रहा चाहे वह 8 वीं फेल न्यूटन हों या 9 वीं
फेल आइस्टीन हों।
➤तेल हमेशा गाढ़ा खाना चाहिएं सिर्फ लकडी वाली घाणी का दूध हमेशा पतला पीना चाहिए ।
➤छिलके वाली दाल-सब्जियों से कोलेस्ट्रोल हमेशा घटता है।
➤कोलेस्ट्रोल की बढ़ी हुई स्थिति में इन्सुलिन खून में नहीं जा पाता है । ब्लड शुगर का सम्बन्ध ग्लूकोस के साथ नहीं अपितु कोलेस्ट्रोल के साथ है।
➤मिर्गी दौरे में अमोनिया या चूने की गंध सूँघानी चाहिए।
➤सिरदर्द में एक चुटकी नौसादर व अदरक का रस रोगी को सुंघायें।
➤भोजन के पहले मीठा खाने से बाद में खट्टा खाने से शुगर नहीं होता है।
➤भोजन के आधे घंटे पहले सलाद खाएं उसके बाद भोजन करें।
➤अवसाद में आयरन , कैल्शियम , फास्फोरस की कमी हो जाती है । फास्फोरस गुड और अमरुद में अधिक है।
➤छोटे केले में बड़े केले से ज्यादा कैल्शियम होता है।
➤हेपेटाइट्स A से E तक के लिए चूना बेहतर है।
➤एंटी टिटनेस के लिए हाईपेरियम 200 की दो-दो बूंदे दस दस मिनट पर तीन बार दे।
➤मोटे लोगों मे कैल्शियम की कमी होती है। अतः त्रिफला दे। त्रिकूट (सोंठ,कालीमिर्च,मघा पीपली) भी दे सकते हैं।
➤अस्थमा मे नारियल दें। नारियल फल होते हुए भी क्षारीय है। दालचीनी, गुड,नारियल दें।
➤चूना के उपयोग से बाल मजबुत होते है तथ ऑंखो की रोशनी बढ़ती है।
➤दूध का सर्फेसटेंसेज कम होने के कारण हमारे शरीर की त्वचा का कचरा बाहर निकाल देता है।
➤गाय की घी सबसे अधिक पित्तनाशक,कफ व वायुनाशक है।
➤जिस भोजन मे सूर्य का प्रकाश व हवा का स्पर्श ना हो। उस भोजन को नहीं करना चाहिए।
➤गौ-मूत्र अर्क आँखों में ना डालें ।
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